इसरो ने उपग्रहों की दूसरी बार डॉकिंग कर फिर कमाल किया है।
जहां दुनिया के अधिकतर देश एक बार भी डॉकिंग करने में सफल नहीं हो सके। वहीं, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने स्पैडेक्स मिशन के तहत दूसरी बार डॉकिंग का प्रदर्शन कर साबित किया कि इस तकनीक में भारत को विशेषज्ञता हासिल हो गई है।
Isro को मिली बड़ी कामयाबी
यह डॉकिंग तकनीक स्वदेशी रूप से विकसित की गई है और इसे भारतीय डॉकिंग सिस्टम नाम दिया गया है।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को इस उपलब्धि के लिए इसरो को बधाई दी।
भारत ने इससे पहले 16 जनवरी को दो उपग्रह चेजर और टारगेट को जोड़कर पहली बार डॉकिंग प्रक्रिया पूरी की थी औ यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया।
भारत से पहले केवल अमेरिका, रूस और चीन ने डॉकिंग क्षमता प्रदर्शित की थी।
13 मार्च को अनडॉकिंग को प्रक्रिया रही सफल
भारत ने 13 मार्च को इसरो ने अनडॉकिंग को प्रक्रिया भी सफलतापूर्वक पूरी की थी।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक्स पर पोस्ट किया, यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उपग्रहों की दूसरी डॉकिंग सफलतापूर्वक पूरी हो गई है।