रक्षा मामलों में आत्मनिर्भर होते भारत ने एक और कहानी गढ़ी है।
अब हम हवाई हमलों को लेजर हथियार से विफल करने में सक्षम हो गए हैं।
अब अगर कोई दुश्मन ड्रोन, हेलीकाप्टर या मिसाइल से हमें निशाना बनाने की कोशिश करेगा तो हमारी सीमा में घुसने से पांच किलोमीटर पहले ही उसे 30 किलोवाट की ऊर्जा वाली लेजर किरणों से नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा।
यह उपलब्धि हासिल करके भारत अमेरिका, चीन एवं रूस जैसे देशों के क्लब में शामिल हो गया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने बताया कि मिसाइलों, ड्रोन एवं और छोटे प्रोजेक्टाइल्स को निष्क्रिय करने की तकनीक में महारत हासिल करके कुर्नूल स्थित नेशनल ओपन एयर रेंज (NOAR) में एमके-2(ए) लेजर- डायरेक्ट एनर्जी वेपन (ड्यू) के सफल परीक्षण का प्रदर्शन किया गया।
DRDO विकसित करेगा कई सिस्टम
DRDO के चेयरमैन समीर वी. कामत ने बताया, 'जहां तक मुझे पता है सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन ने इस क्षमता का प्रदर्शन किया है। इजरायल भी इस क्षमता को हासिल करने पर काम कर रहा है। हम इस प्रणाली का प्रदर्शन करने वाले दुनिया के चौथे या पांचवे देश हैं।'