अब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए एंटी-रेबीज और सांप के जहर से बचाने वाले इंजेक्शन की झटपट उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जूविन डिजिटल प्लेटफार्म विकसित किया है।
इससे जरूरतमंद व्यक्ति मोबाइल पर ही ऑनलाइन पोर्टल से इंजेक्शन की नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में रीयल टाइम उपलब्धता की जानकारी पा सकेगा।
यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) की तकनीकी सहायता से नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) ने अपने सेंटर फार वन हेल्थ के जरिये इसे विकसित किया है।
इन राज्यों में सबसे पहले होगी लॉन्चिंग
सरकार पहले पायलट प्रोजेक्ट की तरह इसे दिल्ली, मध्य प्रदेश, असम, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में लॉन्च करेगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कोविन और यूविन की तर्ज पर बना जूविन रेबीज और सांप काटने के इंजेक्शन से जुड़ी सारी जानकारी केंद्रीयकृत रखेगा और स्वास्थ सेवा प्रदाताओं, नगर निगम अधिकारियों और पशु चिकित्सा से जुड़ी सेवाओं के बीच सहयोग को बेहतर करेगा।
जूविन, यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (यूआईपी) के अंतर्गत काम करने वाले इलेक्ट्रानिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क (ईविन) और यूविन प्लेटफार्म के डिजिटल सिस्टम का फायदा उठाएगा, जिनका इस्तेमाल वर्तमान में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए करता है।
प्रादेशिक स्वास्थ्य अधिकारियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण
बीते 28 मार्च को राजधानी दिल्ली में इन राज्यों के प्रादेशिक स्वास्थ्य अधिकारियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जबकि जल्द ही राज्य-जिला स्तर के अधिकारियों का ऑनलाइन प्रशिक्षण होगा।
हर साल 60 हजार लोगों की होती है मौत
यूएनडीपी के अनुसार, प्रतिवर्ष दुनियाभर में रेबीज के चलते 60 हजार लोगों की मौत हो जाती है।
अकेले भारत में इससे 36 प्रतिशत यानी 21.60 हजार मौतें हो जाती हैं। जबकि सांप के काटने से देश में प्रतिवर्ष 50 हजार जानें चली जाती हैं।