ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) और यूनिसेफ युवाह (Unicef YuWaah) भारत के युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हाथ मिलाया है।
इस कोलेबोरेशन का मकसद युवाओं और महिलाओं के कौशल, आर्थिक और सामाजिक अवसरों से जोड़कर सशक्त बनाना है।
इस बारे में जारी एक बयान में मंत्रालय ने कहा कि इसके लिए एक स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट (SOI) साइन किया गया है।
इस तीन साल की पार्टनरशिप के जरिए, यूनिसेफ युवाह और एमओआरडी पहले से राष्ट्रीय और राज्यीय स्तर पर चल रही पहलों पर काम करेंगे ताकि कौशल, आर्थिक अवसरों और सामाजिक प्रभाव के लिए स्केलेबल समाधानों का सह-निर्माण किया जा सके, जिसमें कमजोर आबादी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस पार्टनरशिप के जरिए मुख्य रूप से ओडिशा, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश की एसएचजी महिलाओं और उनके परिवार की महिला सदस्यों (18-29 वर्ष) को नौकरियों, स्वरोजगार, उद्यमिता और कौशल से जोड़कर उन्हें सशक्त बनाने के लिए काम किया जाएगा।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी टीके अनिल कुमार ने कहा, "यह पार्टनरशिप बहुत ही सही समय पर आई है, क्योंकि यह बजट 2025-26 में घोषित रूरल प्रोस्पेरिटी और रेजिलिएंस प्रोग्राम के मुताबिक है।
यह खासतौर से महत्वपूर्ण है, क्योंकि 10 करोड़ एसएचजी सदस्यों में से लगभग एक तिहाई युवा हैं, जो इस पहल में मुख्य भूमिका निभाएंगे।"
यूनिसेफ इंडिया की डिप्टी रिप्रेजेंटिव ऑपरेश्न्स, शारदा थापलिया ने कहा, “डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, कौशल विकास के रास्ते को बढ़ाने और इंटरप्रिन्योरशिप को बढ़ावा देने से, इस पार्टशिप में स्थायी आजीविका बनाने और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बदलने की क्षमता है।
युवाओं और महिलाओं की आर्थिक भागीदारी में निवेश करना सिर्फ व्यक्तिगत प्रगति ही नहीं है, बल्कि यह समुदाय और राष्ट्रीय स्तर पर विकास को भी बढ़ावा देने के बारे में है।”
यह पहल युवा हब जैसी नवीन सुविधाओं को एकीकृत करेगा, जो नौकरियों, कौशल और वॉलंटियरिंग के लिए एक एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म है।
साथ ही इसके जरिए वुमन इंटरप्रिन्योर के लिए सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप 2,500 ‘लखपति दीदी’ बनाने के लिए स्केलेबल मॉडल का परीक्षण किया जाएगा।
सफल होने पर, यह मॉडल 7,000 से ज्यादा ब्लॉक्स में 3.5 मिलियन महिलाओं तक पहुंच सकता है।
डिजिटल और इंटरप्रीन्योरशिप के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए, पंचायत स्तर पर महिलाओं द्वारा संचालित 100 ‘कंप्यूटर दीदी केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे।