देश की सुरक्षा में रोबोट तैनात करने की तैयारी है।
परिंदा भी रोबोट की पैनी निगाह से बच नहीं सकेगा।
दुश्मनों के लिए देश की सुरक्षा में सेंध लगाना लगभग नामुमकिन होगा और घुसपैठ पर भी लगाम लगेगी।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने अत्याधुनिक रोबोट विकसित किए हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्षमता से लैस ये रोबोट चुनौतीपूर्ण एवं दुर्गम सरहद की निर्बाध निगरानी करेंगे।
IIT गुवाहाटी का बड़ा कमाल
आईआईटी गुवाहाटी द्वारा संचालित स्टार्टअप कंपनी दा स्पैटियो रोबोटिक लेबोरेटरी प्राइवेट लिमिटेड (DSRL) द्वारा विकसित रोबोटों को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से भी मान्यता मिल चुकी है।
सेना पहले से ही निगरानी प्रणाली के लिए फील्ड परीक्षण कर रही है।
अब ड्रोन करेंगे सीमा की निगरानी
डीएसआरएल के सीईओ अर्नब कुमार बर्मन के अनुसार, पारंपरिक सुरक्षा उपाय जहां ड्रोन, स्थिर कैमरे और गश्त पर निर्भर हैं वहीं स्वायत्त रोबोटिक सिस्टम प्रतिकूल मौसम और दुर्गम इलाकों में भी निगरानी करने में सक्षम है।
बर्मन ने कहा, एआई-संचालित टोही से लैस यह प्रणाली सीमा सुरक्षा, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की निगरानी और रणनीतिक रक्षा क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर है।
चौबीसों घंटे निगरानी होगी सुनिश्चित
उन्होंने कहा कि इस रोबोटिक सिस्टम को दुर्गम इलाकों में भी निर्बाध रूप से काम करने के लिए डिजाइन किया गया है जिससे चौबीसों घंटे निगरानी सुनिश्चित होगी।
हमें रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता में योगदान करने पर गर्व है। हम ऐसे नवाचारों के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करें।
यह सिस्टम मल्टी-सेंसर खुफिया जानकारी एकत्र करने में सक्षम है, जिससे संभावित खतरों का पता लगाने और उन्हें रोकने की इसकी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
संवेदनशील क्षेत्रों में तैनाती की तैयारी
आईआईटी गुवाहाटी के टेक्नोलाजी इनक्यूबेशन सेंटर के प्रमुख केयूर सोरठिया ने कहा कि इस रोबोटिक सिस्टम को संवेदनशील क्षेत्रों और सैन्य स्टेशनों में बड़े पैमाने पर तैनात करने की तैयारी है।
यह अत्याधुनिक, स्वदेशी तकनीक घुसपैठ के प्रयासों जैसे आधुनिक खतरों का मुकाबला करके राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगी।