शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 में महिलाओं के लिए 2.67 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं ।
केंद्र सरकार ने दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए 3.53 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दी, जिनमें 75 प्रतिशत आवास एकल महिलाओं अथवा ऐसी महिलाओं के नाम पर हैं जिनके पति दिवंगत हो चुके हैं।
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला की अध्यक्षता में केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति की पहली बैठक में इन घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई।
पीएम आवास योजना 2.0 के तहत लाभार्थियों को निर्माण में मदद और साझेदारी में किफायती आवास के घटकों के अंतर्गत 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इन आवासों के निर्माण को मंजूरी प्रदान की गई है।
ये राज्य और केंद्र शासित क्षेत्र हैं- उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, तेलंगाना।
कुल स्वीकृत घरों में अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिए 80,850 घर, अनुसूचित जनजाति के लिए 15,928 और ओबीसी श्रेणी के लिए 2,12,603 घर शामिल हैं।
पीएम आवास योजना 2.0 के अंतरगत राज्य के हिस्से के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक लाभार्थी (70 वर्ष से अधिक आयु के) को 30 हजार रुपये और प्रत्येक अविवाहित महिला (40 वर्ष से अधिक) को बीस हजार रुपये प्रदान कर रही है।
पांच साल में एक करोड़ घर बनाने का लक्ष्य
पति को खो चुकीं अथवा अलग रह रहीं महिलाओं को भी 20 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर प्रदान की जा रही है।
इस योजना के तहत अगले पांच साल में शहरी इलाके में एक करोड़ घर बनने हैं।
इसके लिए 31 राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने संभावित लाभार्थियों को सीधे आवेदन करने की सुविधा देने के लिए एक पोर्टल भी विकसित किया है।
इस योजना के लिए दस लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिसमें 2.30 लाख करोड़ की सरकारी सहायता शामिल है।