इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल), चंडीगढ़ के साथ मिलकर 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर विकसित किए हैं।
इन माइक्रोप्रोसेसरों के नाम विक्रम 3201 और कल्पना 3201 हैं।
इनका उपयोग अंतरिक्ष संबंधी प्रयोगों के लिए किया जाएगा।
32 बिट माइक्रोप्रोसेसर की मदद से प्रक्षेपण यानों के नेविगेशन और नियंत्रण में मदद मिलती है।
यह भारत में अपनी तरह का पहला प्रयास है।
यह प्रक्षेपण वाहनों के नेविगेशन, और नियंत्रण के लिए उच्च विश्वसनीयता वाले माइक्रोप्रोसेसरों और आनबोर्ड कंप्यूटरों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
इन हालातों में किया जाएगा इस्तेमाल
विक्रम 3201 भारत में पूर्ण रूप से बना पहला 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर है।
इसका उपयोग मुश्किल पर्यावरणीय परिस्थितियों में प्रक्षेपण यानों में किया जा सकता है।
प्रोसेसर को एससीएल के 180 एनएम (नैनोमीटर) सीएमओएस (पूरक धातु-आक्साइड-अर्धचालक) सेमीकंडक्टर फैब में बनाया गया था।
इसरो ने बयान में कहा कि यह प्रोसेसर स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए 16-बिट विक्रम 1601 माइक्रोप्रोसेसर का उन्नत संस्करण है, जो 2009 से इसरो के प्रक्षेपण वाहनों की एवियोनिक्स प्रणाली में काम कर रहा है।
इसरो ने बताई माइक्रोप्रोसेसर से जुड़ी जानकारी
इसरो ने कहा कि कल्पना 3201 एक 32-बिट एसपीएआरसी वी8 (स्केलेबल प्रोसेसर आर्किटेक्चर, संस्करण 8) आरआइएससी(रिड्यूस्ड इंस्ट्रक्शन सेट कंप्यूटर) माइक्रोप्रोसेसर है और यह आइईईई 1754 इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर पर आधारित है।
विक्रम 3201 और कल्पना 3201 की पहली खेप को हाल ही में इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन को सौंपा। एससीएल के साथ संयुक्त रूप से विकसित चार अन्य उपकरण भी सौंपे गए।