भारत समेत दुनिया में आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस । इस दिन महिलाओँ के अधिकार, समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ भेदभाव को रोकने के लिए इस दिन को मनाया जाता है।
एक ऐसी ही कहानी एक मां और बेटी की है। जिस बेटी ने समाज को एक संदेश दिया है।
सेक्टर-16 स्थित निजी अस्पताल में बेटी ने अपने लिवर का हिस्सा दान कर बीमार मां को नई जिंदगी दी।
मरीज को हेपेटाइटिस सी की समस्या हुई थी। मरीज ने लगभग 7 साल तक पंजाब के स्थानीय डॉक्टरों से इलाज कराया।
लेकिन ठीक न होने पर लिवर ट्रांसप्लांट कराना पड़ा।
अब मां और बेटी दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं और सामान्य जीवन जे रहे हैं।
परिजनों का कहना है कि लिवर की बीमारी इस स्टेज पर आ चुकी थी कि लिवर ट्रांसप्लांट कराना पड़ा।
अस्पताल के प्रोग्राम क्लीनिकल डायरेक्टर एवं एचओडी- लिवर ट्रांसप्लांट एंड एचपीबी डॉ. पुनीत सिंगला ने बताया अमृतसर से 65 वर्षीय कुलदीप कौर को लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता थी। बीमार मां को बचाने के लिए बेटा और बेटी दोनों अपना लिवर डोनेट करने के लिए तैयार हुए।
41 वर्षीय बेटी ने अपने पति की सहमति से मां को लिवर का हिस्सा दान करने का निर्णय लिया।
फिर बेटी का मेडिकल फिटनेस टेस्ट किया गया। अब मां और बेटी दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं।