उद्योग जगत यह चिंता जताता रहा है कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में दिया जा रहा तकनीकी प्रशिक्षण वर्तमान या भविष्य की आवश्यकता के अनुरूप नहीं है।
आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस (एआई) ने इस चुनौती को और भी बढ़ा दिया है।
इसे देखते हुए सरकार ने स्किल ईकोसिस्टम के कायाकल्प पर काम तेज कर दिया है।
सिस्टम पर बोझ बन रहीं 5358 आइटीआइ की मान्यता हाल ही में कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने रद की और अब प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) ने देशभर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI), राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (NSTI) और प्रशिक्षक प्रशिक्षण संस्थान (ITOT) के लिए नए पाठ्यक्रम तैयार किए हैं।
तकनीकी पाठ्यक्रम युवाओं को बना सकेंगे अधिक योग्य
उम्मीद जताई गई है कि आईटी, एआई, रोबोटिक्स, सेमीकंडक्टर, ड्रोन और 5जी जैसी तकनीक में प्रशिक्षित कर यह पाठ्यक्रम युवाओं को रोजगार के अधिक योग्य बना सकेंगे।
प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा सभी राज्यों को इस संबंध में अवगत करा दिया है कि भारत में स्किल डेवलपमेंट ईको सिस्टम को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
पुराने कोर्स को किया गया है रिवाइज
इस प्रक्रिया के तहत ही दीर्घकालिक और लघु अवधि के नए पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ ही कुछ पुराने कोर्स को रिवाइज यानी पुनरीक्षित भी किया गया है।
युवाओं को व्यावहारिक तकनीकी प्रशिक्षण भी बेहतर मिल सके, इसलिए 150 घंटों की आनजॉब ट्रेनिंग को अनिवार्य किया गया है।
यह सभी नए पाठ्यक्रम क्राफ्टमेन ट्रेनिंग स्कीम (CTS) और क्राफ्ट इंस्ट्रक्टर ट्रेनिंग स्कीम के तहत चलाए जाएंगे।
31 कोर्स किए जा चुके हैं शामिल
न्यू एज या फ्यूचर स्किल कोर्स श्रेणी में 5जी नेटवर्क टेक्नीशियन, एआइ प्रोग्रामिंग असिसटेंट, साइबर सिक्योरिटी असिसटेंट, ड्रोन पायलट जूनियर जैसे 31 कोर्स शामिल किए जा चुके हैं।
अब इसमें सूचना प्रौद्योगिकी सेक्टर का इंडस्टि्रयल इंटरनेट आफ थिंग्स टेक्नीशियन और पर्यावरण विज्ञान क्षेत्र के लिए ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन टेकनीशियन कोर्स भी जोड़ा गया है।
नए शॉर्ट टर्म कोर्स
रिवाइज किए गए कोर्स