आईवियर कंपनी लेंसकार्ट इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO लाने का प्लान कर रही है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी 10 बिलियन डॉलर (करीब 86,835 करोड़ रुपए) की वैल्यूएशन पर 1 बिलियन डॉलर (मौजूदा वैल्यू- करीब ₹8,684 करोड़) फंड जुटाएगी। IPO के लिए लेंसकार्ट इस साल मई में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) यानी ड्राफ्ट-पेपर्स फाइल कर सकती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में लेंसकार्ट के CEO पीयूष बंसल, निवेशकों और IPO बैंकर्स की बातचीत में 1 बिलियन डॉलर के IPO की बात सामने आई थी।
2024 में कंपनी की वैल्यूएशन 5 बिलियन डॉलर थी
पिछले साल जून में लेंसकार्ट ने 5 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन पर 200 मिलियन डॉलर (करीब ₹1700 करोड़) फंड रेज किया था।
लेंसकार्ट आईवियर सेक्टर को डोमीनेट करती है। कंपनी का बिजनेस प्रॉफिटेबल भी है। वहीं थाईलैंड में भी कंपनी अपना बिजनेस तेजी से बढ़ा रही है।
क्या होता है IPO ?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।
2010 में हुई थी लेंसकार्ट की शुरुआत
पीयूष बंसल और कोलकाता के उनके एक दोस्त ने एक ऐसी कंपनी बनाने का प्लान बनाया जो भारत के लोगों की चश्मा न पहनने की आदत को बदल सके।
उन्होंने लिंक्डइन पर एक और को-फाउंडर सुमीत कपाही को ढूंढा। कपाही ने कुछ महीने पहले ही एक आईवियर कंपनी की नौकरी छोड़ी थी।
तीनों ने मिलकर 2010 में वैल्यू टेक्नोलॉजी बनाई, जिसमें अलग-अलग ई-कॉमर्स वेबसाइट थी। इसमें लेंसकार्ट, ज्यूलकार्ट, बैगकार्ट और वॉचकार्ट वेबसाइट्स थीं।
कुछ समय बाद चश्मे के मार्केट में पोटेंशियल देख कर तीनों ने सिर्फ लेंसकार्ट पर फोकस करना शुरू किया।