अब TDS रिटर्न में सुधार करने के लिए सरकार ने लिमिट को छह साल कर दी है.
ताकि करदाताओं को गलतियों को संशोधित करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके.
छह वर्ष की समय सीमा तब से शुरू होती है जिस वित्त वर्ष में जब संशोधित टीडीएस रिटर्न दाखिल किया गया हो.
आकलन वर्ष 2018-19 के दौरान दाखिल किये गए रिटर्न में यदि करदाता अभी भी सुधार करना चाहते हैं तो उनके पास 31 मार्च तक का समय है.
इसके लिए करदाताओं को अपने TDS रिटर्न में सुधार करना होगा.
इसके लिए बैंक या अन्य संस्थान से जहां से भी TDS में गलती हुई है उनसे गलती को सुधरने के लिए अनुरोध करना होगा. इस सुधार के बिना दावा नहीं किया जा सकता.
इतना ही नहीं 2024-25 के चौथी तिमाही के ट्रेस पोर्टल के माध्यम से फॉर्म-16 के पार्ट-बी और फॉर्म-24क्यू के लिए जारी नए अपडेट का भी पालन करना होगा.
Authored by Ranjeeta Pathare | ET Online | Updated: 10 Feb 2025, 9:13 am
यदि करदाता का बैंक या अन्य संस्थानों ने ज्यादा या गलत तरीके से टीडीएस काट लिया है.
यदि करदाता का बैंक या अन्य संस्थानों ने ज्यादा या गलत तरीके से टीडीएस काट लिया है तो उनके पास इसे सुधारने के लिए 31 मार्च तक का समय है. इसके साथ ही ऐसे करदाता जिनके टीडीएस की जानकारी वार्षिक सूचना रिपोर्ट या फॉर्म 26AS में शो नहीं हो रही है वे भी 31 मार्च तक सुधार कर सकते हैं.
अब टीडीएस रिटर्न में सुधार करने के लिए सरकार ने लिमिट को छह साल कर दी है. ताकि करदाताओं को गलतियों को संशोधित करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके. छह वर्ष की समय सीमा तब से शुरू होती है जिस वित्त वर्ष में जब संशोधित टीडीएस रिटर्न दाखिल किया गया हो.
आकलन वर्ष 2018-19 के दौरान दाखिल किये गए रिटर्न में यदि करदाता अभी भी सुधार करना चाहते हैं तो उनके पास 31 मार्च तक का समय है. इसके लिए करदाताओं को अपने टीडीएस रिटर्न में सुधार करना होगा. इसके लिए बैंक या अन्य संस्थान से जहां से भी टीडीएस में गलती हुई है उनसे गलती को सुधरने के लिए अनुरोध करना होगा. इस सुधार के बिना दावा नहीं किया जा सकता. इतना ही नहीं 2024-25 के चौथी तिमाही के ट्रेस पोर्टल के माध्यम से फॉर्म-16 के पार्ट-बी और फॉर्म-24क्यू के लिए जारी नए अपडेट का भी पालन करना होगा.