अब हवाई यात्रियों के लिए एक नई पहल शुरू हो रही है। इसके तहत एयरपोर्ट पर यात्रियों को विमान में सवार होने से पहले व्यायाम करना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया है। व्यायाम कराने की जिम्मेदारी CISF को दी गई है। आइए जानते हैं कि स्वास्थ्य मंत्रालय की नई पहल क्या है और इसकी शुरुआत क्यों की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, हर यात्री को बोर्डिंग यानी विमान में चढ़ने से पहले 2 से 3 मिनट तक शारीरिक व्यायाम कराया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी एयरपोर्ट पर तैनात CISF के जवान उठाएंगे। हालांकि, यह पूरी तरह से स्वैच्छिक रहेगा। इसका मतलब है कि अगर यात्री किसी भी वजह से एक्सरसाइज नहीं करना चाहता, तो वो सीधे मना कर सकता है।
इस पहल का मकसद यात्रियों को हेल्दी ट्रैवल का एक्सपीरियंस देना है, क्योंकि स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियों की अकड़न को रोकने में मदद मिलती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार होता है। यह डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) के जोखिम को कम करता है। साथ ही, हैमस्ट्रिंग, कूल्हों, कंधों और गर्दन जैसे अंगों की मांसपेशियों में आने वाले तनाव को कम करता है। दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया भर के एयरपोर्ट पर अपनी तरह का पहला कदम है। CISF जवानों ने रविवार को जोधपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों को विमान में चढ़ने से पहले व्यायाम कराया, ताकि यात्रा का अनुभव थकावट भरा न रहे। सरकार सभी विमानन कंपनियों को भी इस कार्यक्रम को अपनाने और उसका विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
कई यात्री बोर्डिंग गेट पर काफी लंबे समय तक इंतजार करते हैं और वे इस दौरान बोर भी हो जाते हैं। सरकार की एक्सरसाइज वाली पहल से उनकी बोरियत को कम करने में भी मदद मिलेगी। अधिकारियों के मुताबिक, यह पहल न सिर्फ यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि इसे लंबे समय तक बैठने या देरी के कारण होने वाली परेशानी को रोकने में मदद मिलेगी। सीआईएसएफ ने अपने जवानों को छह तरह की स्ट्रेचिंग का प्रशिक्षण दिया है। इसमें साइड स्ट्रेच, हॉरिजोंटल, वर्टिकल और काफ मसल्स स्ट्रेचेज शामिल हैं।