94 साल की मंथा सुब्बालक्ष्मी की भक्ति अद्भुत और अनोखी है. रामनाम की भक्ति में उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया है कि हर जगह प्रशंसा हो रही है.
उड़ीसा में एक विद्वान परिवार में पैदा हुईं मंथा सुब्बालक्ष्मी 80 लाख बार राम नाम लिख चुकी हैं.
और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही वह एक करोड़ से अधिक बार राम नाम का लेखन पूरा कर देंगी. बचपन में उनके अंदर जो इच्छा जगी तब से वह लगातार यह काम कर रही हैं.
आप जानकर हैरान होंगे कि लोग सिर्फ उनकी यह भक्ति देखने के लिए इकट्ठा होते हैं. आशीर्वाद लेते हैं.
आंध्र प्रदेश के आध्यात्मिक शिविर में मिली प्रेरणा आध्यात्मिक और धार्मिक परिवार में पली-बढ़ी मंथा सुब्बालक्ष्मी को आंध्र प्रदेश में लगने वाले आध्यात्मिक शिविर में राम नाम लेखन की प्रेरणा मिली.
उनके पति स्वर्गीय सर्वेश्वर शास्त्री भी भगवान राम का नाम जपा करते थे.
बचपन में जो उन्होंने संकल्प लिया, वह आज भी लगातार चल रहा है.
पिछले कुछ महीनों से मंथा सुब्बालक्ष्मी उत्तराखंड के चंबा में रह रही हैं.
यहां वह लोगों को राम नाम लेखन का महत्व समझाती हैं.कहती हैं कि कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उत रही पारा.
इसका मतलब है कलियुग में सिर्फ राम का नाम लेने से ही इंसान पार उतर जाता है.