दरअसल एक नवविवाहित दंपति ने गांव में स्थित शहीद स्मारक में माथा टेक कर एक अलग ही मिसाल पेश की.
इस जोड़े ने मंदिर जाने से पहले शहीद स्मारक पर पूजा की.
यही नहीं, जिस प्रकार दूल्हा-दुल्हन सुखी दांपत्य जीवन की शुरुआत करने के लिए भगवान की प्रतिमा के आगे ढोक (धोक) लगाने के साथ पूजा करते हैं.
उसी तरीके से पोषणा गांव में भी शहीद प्रतिमाओं की पूजा की गई. पोषणा निवासी जयराम के बेटे अनिल महला की शादी नीलम के साथ हुई है.
राजस्थान में शादी के बाद देवी देवताओं को ढोक लगाने की परंपरा है, लेकिन यह नवविवाहित जोड़ा देवी देवताओं को धोक लगाने से पहले परिवार के साथ शहीद स्मारक पर पहुंचा.
शहीद की प्रतिमाओं धोक लगाई. इसे बाद देवी देवताओं की पूजा अर्चना की गई.
पोषणा गांव में है शहीद स्मारक
बता दें कि पोषणा गांव में एक शहीद स्मारक बना हुआ है. यह शहीद स्मारक खुद अपने आप में एक अनूठा शहीद स्मारक है.
इस शहीद स्मारक में पांच अलग-अलग शहीदों की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं.